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दुनियाँ की निग़ाह में
एक जुर्म हो गया था
वो जो तुझसे मोहब्बत में
तू मेरा दिल हो गया था
मिलती कभी कभी तो
दुआ गिन लेते हम
हमने तो हाथ फैलाए और
सब मिल गया था
मुझको तबियत से मिली है
सब की बद्ददुआएँ
फिर भी कुछ कहते हैं
क़िस्मत से कम मिला था
उसके मिजाज़ में अब
वो फ़नकारी नहीं
जब कभी मिलता है लगता है
यूँ ही मिला था
अब होशो हवास में लाकर
उसकी याद क्या दिलायेगा
मैं तो नींद में भी हरदम
उसके संग चला था

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  मैंने जब जब तुझसे रूठने के जतन किये   तेरी मुस्कुराहट ने आकर गले लगा लिया मुझे♥  
मैंने जब जब तुझसे रूठने के जतन किये तेरी मुस्कुराहट ने आकर गले लगा लिया मुझे♥
पहले ध्यान से पढ़े इसके बाद कुछ कमेंट करें । एक स्त्री के पैरो के बीच से जन्म लेने के बाद उसके वक्षस्थल से निकले दूध से अपनी भूख, प्यास मिटाने वाला इंसान..... बड़ा होते ही औरत से इन्हीं दो अंगो की चाहत रखता है....।।। और अगर असफल होता है तो इसी चाहत में वीभत्स तरीको को अंजाम देता है.। बलात्कार और फिर हत्या।। जननी वर्ग के साथ इस तरह की मानसिकता क्यूँ??? वध होना चाहिए ऐसी दूषित मानसिकता के लोगों का। मेरी नजरों में बलात्कार से बड़ा कोई जुर्म नहीं है धरती पर। इस पर आत्म मंथन कीजिए कि जो तुम्हारी माँ, बहिन, बेटी के आँचल में हैं वो इज्जत हैं..... तब दूसरी स्त्रियां तुम्हारी रखैल कैसे??? महिलाओं आके साथ इस तरह का दुर्व्यवहार इस दुनिया का सबसे नीच, गन्दा, शर्मनाक कृत्य है...... एक लड़का Fecebook पर पोस्ट करने पर जेल भेज दिया जाता हैं& बलात्कार करने वाले को बाल ग्रह सुधार केंद्र भेजा जाता है ये भारत मे ही क्यों हो रहा है Plz,,,,,,,,, हर नारी की इज्जत करे , कृपया अपनी राय जरुर दें जय श्री राधे कृष्णा