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Showing posts from 2017

जमाने

"धीरे धीरे उम्र कट जाती हैं! "जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है! "कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है! "और कभी यादों के सहारे जिंदगी कट जाती है! "किनारो पे सागर के खजाने नहीं आते! "फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते! "जी लो इन पलों को हंस के दोस्तो "फिर लौट के दोस्ती के जमाने नहीं  आते!!

नाम

उसकी पहचान हमारे नाम से थी और आज वह अपनी पहचान बना कर हमारा नाम पूछता है

नजर

|| उम्र भर उठाया बोझ उस 'कील" ने .. और लोग तारीफ़ 'तस्वीर' की करते रहे ||

Dard

कितनी बार मेरी आंखें भर गयीं अपने अंदर के समंदर सुखाने में

Mari

तुम मेरी पहली कविता हो, जिसे मैं दूबारा लिखना चाहूंगा।

सच जिंदगी का

एक आम आदमी सुबह जागने के बाद सबसे पहले टॉयलेट जाता है, बाहर आ कर साबुन से हाथ धोता है, दाँत ब्रश करता है, नहाता है, कपड़े पहनकर तैयार होता है, अखबार पढता है, नाश्ता करता है, घर से काम के लिए निकल जाता है, बाहर निकल कर रिक्शा करता है, फिर लोकल बस या ट्रेन में या अपनी सवारी से ऑफिस पहुँचता है, वहाँ पूरा दिन काम करता है, साथियों के साथ चाय पीता है, शाम को वापिस घर के लिए निकलता है, घर के रास्ते में बच्चों के लिए टॉफी, बीवी के लिए मिठाई वगैरह लेता है, मोबाइल में रिचार्ज करवाता है, और अनेक छोटे मोटे काम निपटाते हुए घर पहुँचता है, अब आप बताइये कि उसे दिन भर में कहीं कोई "हिन्दू" या "मुसलमान" मिला ? क्या उसने दिन भर में किसी "हिन्दू" या "मुसलमान" पर कोई अत्याचार किया ? उसको जो दिन भर में मिले वो थे.. अख़बार वाले भैया, दूध वाले भैया, रिक्शा वाले भैया, बस कंडक्टर, ऑफिस के मित्र, आंगतुक, पान वाले भैया, चाय वाले भैया, टॉफी की दुकान वाले भैया, मिठाई की दूकान वाले भैया.. जब ये सब लोग भैया और मित्र हैं तो इनमें "हिन्दू" या &qu

सही कहा ना

�������� हमें कुछ सहन करना सीखना चाहिए क्योंकि,  हममें भी ऐसी बहुत सी कमियाँ हैं जिन्हें दूसरे सहन करते हैं

Jindgi

*लोग जल जाते हैं मेरी मुस्कान पर क्योंकि* *मैंने कभी दर्द की नुमाइश नहीं की* *जिंदगी से जो मिला कबूल किया* *किसी चीज की फरमाइश नहीं की* *मुश्किल है समझ पाना मुझे क्योंकि* *जीने के अलग है अंदाज मेरे* *जब जहां जो मिला अपना लिया* *ना मिला उसकी ख्वाहिश नहीं की।*.                                                 🙏

दुआ

मेरे साथ माँ की दुआओ का काफिला चलता है मुकदर से कह दो अकेला नही हूँ मैं

Fun

तुम्हारे प्यार का रोग नहीं जाता कसम से,  गले में डाल कर मैंने सैकड़ों ताबीज़ देखे है

Thot

बो इंसान कभी आपकी कदर नही करेगा जिसके आगे आप हमेशा झुकोगे

Joke

प्राइमरी स्कूल में मास्टर जी गहरी नींद मे सो रहे थे। तभी कलेक्टर साहब आ गये। . मास्टर जी पकडे गये। बहुत देर उठाने के बाद मास्टर की नींद खुली। . . नीन्द खुलते ही मास्टर कलेक्टर को देखते ही बोले - तो बच्चों, समझ गए ना, कुंभकर्ण ऐसे सोता था। . कलेक्टर साहब बेहोश 😂😂😂😂😝😝😝😝😝

जोकस

😜😜😜😜😜😜😜 एक बार एक फौजी अफसर की शादी हुई तो उसने अपने बटालियन के सभी जवानों को शादी की दावत पर बुलाया । खाना टेबल पर लगाकर सब जवानों को फौजी अँदाज मे कहा :- मेरे शेरो इस खाने को दुशमन समझकर इसके उपर टुट पड़ो । थोड़ी देर मे फौजी अफसर क्या देखता है कि जाट एक हाथ से लड्डू - जलेबी खा रहा है और एक हाथ से लड्डू-जलेबी जेब मे ठूस रहा है :- अफसर :- जवान यह क्या हो रहा है । जाट :- साहब जितने मारने थे उतने मार दिये बाकियों को बंदी बना रहा हूँ.. 😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😆😀

जानकारी

🏡 पानी बचाया जा सकता है, लेकिन बनाया नहीं जा सकता । दादा जी ने नदी में पानी देखा । पिता जी ने कुएं में। हमने नल में देखा । बच्चों ने बोतल में । अब उनके बच्चे कहाँ देखेंगे ......? *जरूर विचार करें एवं* *पानी को व्यर्थ न करें*          🙏🏻🙏🏻

सच

आजकल पेड पर लदे आम खुद ही मजबूरी में नीचे गिरने लगे है...क्योंकि आम को भी पता है गुलेल से पत्थर मारने वाला बचपन अब मोबाईल  में व्यस्त है..!!💐

कहानी

इस तरह प्रकट हुआ था वृंदावन के बांके बिहारी जी का विग्रह...... वृंदावन में बांके बिहारी जी का एक भव्य मंदिर है। इस मंदिर में बिहारी जी की काले रंग की एक प्रतिमा है। इस प्रतिमा के विषय में मान्यता है कि इस प्रतिमा में साक्षात् श्री कृष्ण और राधा समाए हुए हैं। इसलिए इनके दर्शन मात्र से राधा कृष्ण के दर्शन का फल मिल जाता है। इस प्रतिमा के प्रकट होने की कथा और लीला बड़ी ही रोचक और अद्भुत है इसलिए हर साल मार्गशीर्ष मास की पंचमी तिथि को बांके बिहारी मंदिर में बांके बिहारी प्रकटोत्सव मनाया जाता है। बांके बिहारी के प्रकट होने की कथा------------------------------- संगीत सम्राट तानसेन के गुरू स्वामी हरिदास जी भगवान श्री कृष्ण के अनन्य भक्त थे। इन्होंने अपने संगीत को भगवान को समर्पित कर दिया था। वृंदावन में स्थित श्री कृष्ण की रासस्थली निधिवन में बैठकर भगवान को अपने संगीत से रिझाया करते थे। भगवान की भक्त में डूबकर हरिदास जी जब भी गाने बैठते तो प्रभु में ही लीन हो जाते। इनकी भक्ति और गायन से रिझकर भगवान श्री कृष्ण इनके सामने आ जाते। हरिदास जी मंत्रमुग्ध होकर श्री कृष्ण को दुलार करने लगते।

शायरी

शिकवे मुझे भी जिंदगी से है साहब पर मौज में जीना है इसलिए शिकायते नहीं करता"

श्रदा

*परमात्मा के पास बैठिये* *इतने गहरे भाव से कि* *आँसू आ जाएँ,* *किसी प्रकार की कोई आकांक्षा* *या मांग न रखें,* *परमात्मा का होना ही आशीर्वाद है* *मांगना नहीं पड़ता* *उनके पास होने से ही सब मिल जाता है।* *जैसे फूल के पास जाओ* *खुशबू अपने आप ही मिलने लगती है* *परमात्मा ने सारी व्यवस्था पहले ही की हुई है* *मांगने की जरूरत ही नही है* *बस उनके पास जाना है,* *उनकी शरणागति स्वीकार कर लेना* *उनके बताये मार्ग पर चलना* *हमारा कर्तव्य बस इतना ही है* *बाकी सब कुछ स्वयं ही हो जाता है।* *बोलो साईं नाथ महाराज की जय* 🙏🏻🌹🍂

सच

☘🍁🌾☘🍁🌾☘🍁🌾☘🍁               *मिलो किसी से ऐसे कि*                  *ज़िन्दगी भर की*                 *पहचान बन जाये*,           *पड़े कदम जमीं पर ऐसे* *कि*                  *लोगों के दिलों पर*                  *निशान बन जाये*..               *जीने को तो ज़िन्दगी*           *यहां हर कोई जी लेता है*,                       *लेकिन*.....              *जीयो ज़िन्दगी ऐसे कि*         *औरों के लबों की मुस्कान*                     *बन जाये* ...

Mee

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