Skip to main content

Sunilrathore

Chack

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

जमाने

"धीरे धीरे उम्र कट जाती हैं! "जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है! "कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है! "और कभी यादों के सहारे जिंदगी कट जाती है! "किनारो पे सागर के खजाने नहीं आते! "फिर जीवन म...
बाँट लिया था सब कुछ कुछ भी आधा तो नहीं था पर मिलेगा सब कुछ यह वादा तो नहीं था जब तक मुसलिफ़ी में थे हर चीज़ लुटा दी थी उस पर शोहरतें और ख़िताब भी देंगे यह इरादा तो नहीं था खुदा ने जिसको दिया हैसियत से नवाज़ा उसको सबको हिसाब से मिलेगा चाहे कह दो माँगा तो नहीं था मुझको मिला जो भी मिला उसकी मर्ज़ी से सब कैसे बाँट लेते हम कुछ भी साँझा तो नहीं था ना जाने किस मजबूरी में सब बेच दिया उस ने मैं यह सोच कर परेशान हूँ कहीं दाम ज़्यादा तो नहीं था